बीते दिनों हरियाणा के हिसार से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां की रहने वाली यू-ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि ज्योति ने भारत से जुड़ी सीक्रेट जानकारियां पाक एजेंसी को दीं और उसका संपर्क ISI एजेंट से भी था. अब सवाल उठ रहे हैं कि एक आम महिला आखिर कैसे देश के खिलाफ साजिश का हिस्सा बन गई?
जांच में सामने आया है कि ज्योति ISI के लिए जानकारियां जुटाने का काम कर रही थी. इस केस ने एक बार फिर याद दिला दिया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी कैसे भारतीयों को अपने जाल में फंसाती है. इससे पहले भी IFS अधिकारी माधुरी गुप्ता पर ऐसे ही आरोप लगे थे.
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ISI कौन है और कैसे काम करती है?
ISI (Inter Services Intelligence) पाकिस्तान की सरकारी खुफिया एजेंसी है, जिसकी शुरुआत 1948 में हुई थी. इसका काम दुनियाभर से पाकिस्तान के लिए जरूरी या खतरनाक जानकारी जुटाना है. भारत के लिए यह एजेंसी सबसे बड़ी चुनौती मानी जाती है क्योंकि ISI लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहती है.
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ISI एजेंट को कितनी सैलरी मिलती है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ISI अपने एजेंट्स को अच्छी खासी सैलरी देती है. शुरुआती स्तर पर सालाना करीब 5 लाख रुपये (भारतीय मुद्रा में) और सीनियर स्तर पर यह सैलरी 8.6 लाख रुपये तक पहुंच सकती है. इसके अलावा बोनस और अलग से पैसे भी मिलते हैं. अनुमान है कि अगले 5 सालों में ISI एजेंट की सैलरी में 40% तक बढ़ोतरी हो सकती है.
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