भारत में इतनी बड़ी रकम कमाने के लिए जहां लोगों को कई साल लग जाते हैं, वहीं नीदरलैंड में यह संभव है अगर आपके पास सही स्किल्स और अनुभव है. इसलिए भारतीय युवा अब यूरोप, खासतौर पर नीदरलैंड की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं.

नीदरलैंड भारतीयों के लिए एक बेहतर करियर डेस्टिनेशन बन गया है क्योंकि यहां आईटी, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, फाइनेंस और रिसर्च के क्षेत्र में काफी अवसर हैं. यहां की कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखने में हिचकिचाती नहीं हैं और वर्क वीजा की प्रक्रिया भी काफी सरल है.

यहां की एक बड़ी खासियत है कि वर्क-लाइफ बैलेंस बहुत अच्छा है. कर्मचारियों को तय समय में काम करने के साथ हफ्ते में दो दिन की छुट्टी मिलती है. यही वजह है कि नीदरलैंड दुनियाभर के कामकाजी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है.

अगर आप वहां एक औसत नौकरी करते हैं तो आपको हर साल करीब 50,000 यूरो यानी लगभग 51 लाख रुपये मिलते हैं. इसका मतलब है कि हर महीने करीब साढ़े चार लाख रुपये की सैलरी. भारत में इतनी सैलरी कई प्रोफेशनल्स को पूरे साल में भी नहीं मिलती. अगर आप 10 साल वहां काम करते हैं, तो आप करीब 5 लाख यूरो यानी 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं.

नीदरलैंड में रहने का खर्च भारत से थोड़ा ज्यादा जरूर है, लेकिन समझदारी से खर्च करने पर अच्छी बचत की जा सकती है. औसतन एक व्यक्ति का मासिक खर्च 1200 से 1500 यूरो के बीच होता है. इसमें घर का किराया, खाना, ट्रांसपोर्ट और बाकी जरूरतें शामिल हैं. इसके बाद भी हर महीने अच्छी बचत संभव है.

नौकरी के लिए यहां सबसे ज्यादा “हाईली स्किल्ड माइग्रेंट वीजा” दिया जाता है. भारतीयों के लिए यह प्रक्रिया आसान मानी जाती है. इसके लिए जरूरी है कि आपको किसी कंपनी से ऑफर लेटर मिला हो. एक बार वीजा मिल जाने पर आप पूरे यूरोप में घूम सकते हैं और बेहतर अवसर तलाश सकते हैं. आईटी इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, डॉक्टर, डेटा एनालिस्ट और फाइनेंस एक्सपर्ट्स के लिए यहां नौकरी की सबसे ज्यादा डिमांड है. यहां की कंपनियां भारतीयों के काम और मेहनत की काफी सराहना करती हैं.
Published at : 08 Oct 2025 10:14 AM (IST)