हरियाणा के गुरुग्राम में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने एक्शन लेते हुए वाटिका ग्रुप (Vatika Group) से जुड़े एक कमर्शियल प्लॉट को अटैच कर दिया है. ये प्लॉट करीब 1.35 एकड़ का है. इसकी कीमत लगभग 108 करोड़ रुपए बताई जा रही है. कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की गई है.
ये केस उन शिकायतों पर आधारित है, जो साल 2021 में दिल्ली की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने दर्ज की थी. FIR में वाटिका लिमिटेड (M/s Vatika Limited) और इसके प्रमोटर अनील भल्ला, गौतम भल्ला सहित कई लोगों पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और निवेशकों को गुमराह करने का आरोप है.
ED की जांच में सामने आया कि कंपनी ने बड़े रिटर्न का वादा करके लोगों से पैसा लिया. निवेशकों को आश्वासन दिया गया था कि प्रोजेक्ट पूरा होने तक निवेश का लाभ (Assured Return) मिलेगा. बाद में पट्टे पर किराया (Lease Rent) भी दिया जाएगा. लेकिन बीच में कंपनी ने पेमेंट देना बंद कर दिया और कई खरीदारों को उनके यूनिट भी नहीं दिए.
जांच में पता चला है कि कंपनी कई जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया है. इसमें DTCP की लाइसेंस रिन्यूअल और समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने जैसी प्रक्रिया शामिल हैं.
ईडी ने क्या बताया?
ED ने बताया कि चार प्रोजेक्ट में 659 लोगों ने करीब 248 करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए थे. इनमें गुरुग्राम स्थित Vatika Inxt City centre (टावर D,E,F), फरीदाबाद स्थित Vatika Mindscapes Tower-C, गुरुग्राम स्थित Vatika Towers Tower-C, गुरुग्राम स्थित Vatika High Street (V’Lante) शामिल हैं.
लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी ये प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए और ना ही कंपनी ने किसी खरीदार को रजिस्ट्री दी है. इस केस में ED पहले भी 68.59 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर चुकी है. इसे न्यायाधिकरण (Adjudicating Authority) ने भी कन्फर्म कर दिया था. अब कुल अटैचमेंट 176 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है. ED ने वाटिका लिमिटेड, उसके प्रमोटर्स और ग्रुप की अन्य कंपनियों के खिलाफ PMLA कोर्ट, गुरुग्राम में चार्जशीट भी फाइल कर दी है. फिलहाल जांच जारी है.
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