Year Ender 2025: साल 2025 किसी आम अपग्रेड वाला साल नहीं रहा. न ही यह सिर्फ थोड़ा बेहतर कैमरा या “थोड़ा तेज प्रोसेसर” तक सीमित था. यह साल प्रयोगों से भरा रहा, कहीं थोड़ा अजीब तो कहीं काफी मजेदार. कंपनियों ने जमकर एक्सपेरिमेंट किए कहीं बेहद बड़ी बैटरी डाली गई, कहीं फोन फिर से छोटे बनाए गए, गेमिंग को नई ऊंचाई दी गई, AI को हर फीचर में घुसा दिया गया और हां, कीमतें भी बढ़ीं, वो भी बिना ज्यादा शोर किए.
2026 में कदम रखने से पहले, आइए एक बार पीछे मुड़कर देखते हैं उन बड़े ट्रेंड्स पर जिन्होंने 2025 में स्मार्टफोन इंडस्ट्री की पहचान बना दी. यकीन मानिए, यहां काफी कुछ बदल चुका है.
7000mAh की बड़ी बैटरी
कुछ साल पहले तक 5000mAh बैटरी को परफेक्ट माना जाता था. लेकिन 2025 में यह मानक पूरी तरह बदल गया. कंपनियों ने एक बात साफ समझ ली यूजर्स को बैटरी की टेंशन नहीं चाहिए. सिलिकॉन-कार्बन बैटरी टेक्नोलॉजी की वजह से अब बिना फोन को मोटा बनाए ज्यादा पावर भरी जा सकती है. नतीजा यह हुआ कि फ्लैगशिप ही नहीं मिड-रेंज फोन भी 7000mAh की सीमा पार करने लगे. Vivo T4 ने 5000mAh से छलांग लगाकर 7300mAh बैटरी दी. Oppo K13 5500mAh से सीधे 7000mAh पर पहुंचा. iQOO Neo 10, OnePlus Nord CE5 और Poco F7 जैसे फोन ने भी 7000mAh से ज्यादा बैटरी के साथ सबको चौंका दिया. साल के अंत तक Oppo Find X9 सीरीज और Realme GT 8 Pro जैसे प्रीमियम फोन्स में भी यह ट्रेंड आम हो गया.
कॉम्पैक्ट स्मार्टफोन्स की वापसी
कई सालों से फोन इतने बड़े हो गए थे कि एक हाथ से चलाना किसी जिम एक्सरसाइज़ से कम नहीं लगता था. 2025 में यूज़र्स ने मानो एक साथ कह दिया अब और नहीं. ब्रांड्स ने भी संकेत समझ लिया और कॉम्पैक्ट फ्लैगशिप फोन्स की वापसी हुई. OnePlus 13s, Vivo X200 FE, iPhone Air और Samsung S25 Edge जैसे फोन्स ने साबित किया कि छोटा फोन भी दमदार हो सकता है.
ये डिवाइस प्रीमियम फीचर्स के साथ आए लेकिन जेब में किसी चॉपिंग बोर्ड जैसे महसूस नहीं हुए. 2026 में यह ट्रेंड टिकेगा या नहीं, कहना मुश्किल है. मगर फिलहाल, छोटे फोन पसंद करने वालों के लिए 2025 किसी तोहफे से कम नहीं रहा.
गेमिंग फोन्स अब सिर्फ निच प्रोडक्ट नहीं
2025 में मोबाइल गेमिंग ने जबरदस्त उछाल मारा, खासकर भारत में जहां अब 50 करोड़ से ज्यादा गेमर्स हैं. ऐसे में स्मार्टफोन कंपनियां इस मौके को कैसे छोड़तीं? नतीजा यह हुआ कि गेमिंग फीचर्स अब मेनस्ट्रीम फोन्स का हिस्सा बन गए. बड़े वेपर चैंबर, एक्टिव कूलिंग फैन, शोल्डर ट्रिगर्स, RGB लाइट्स और 144Hz से 165Hz तक के डिस्प्ले अब आम बात हो गई.
Oppo K13 Turbo, iQOO 15, OnePlus 15 और Realme GT 8 Pro जैसे फोन्स सीधे हार्डकोर गेमर्स को ध्यान में रखकर लॉन्च किए गए. यहां तक कि Apple भी पीछे नहीं रहा पहली बार iPhone 17 Pro मॉडल्स में वेपर चैंबर कूलिंग देखने को मिली. जब Apple भी कूलिंग पर ध्यान देने लगे तो समझिए मोबाइल गेमिंग कितनी बड़ी हो चुकी है. और यह ट्रेंड फिलहाल रुकने वाला नहीं है.
Artificial Intelligence
अगर 2024 AI के शोर-शराबे का साल था तो 2025 AI के काम करने का साल रहा. इस बार फोकस रहा एजेंटिक AI पर यानी ऐसा AI जो सिर्फ आदेश का इंतज़ार न करे, बल्कि खुद समझकर काम करे. ऑन-डिवाइस AI ने असली कमाल दिखाया. कॉल के दौरान रियल-टाइम ट्रांसलेशन, मीटिंग और डॉक्युमेंट का झटपट सार, स्मार्ट फोटो एडिटिंग और हालात समझने वाले रिमाइंडर्स अब प्रीमियम फोन्स में आम हो गए.
Google ने Pixel 10 सीरीज के साथ Gemini Live और Magic Cue से बढ़त बनाई. Samsung Galaxy S25 Ultra में Galaxy AI को और बेहतर किया गया. वहीं Apple इस रेस में थोड़ा शांत नजर आया. ऐसे में 2026 में देखने वाली बात होगी कि Apple अपनी AI कहानी को किस तरह दोबारा मजबूत करता है.
फ्लैगशिप फोन्स की बढ़ती कीमतें
2025 में एक चीज़ साफ दिखी प्रीमियम स्मार्टफोन अब और महंगे हो चुके हैं. कई ब्रांड्स ने 15 से 30 प्रतिशत तक कीमतें बढ़ाईं. Realme GT 8 Pro की कीमत सीधे 59,999 से 72,999 रुपये पहुंच गई. iQOO के फ्लैगशिप में करीब ₹18,000 का उछाल आया. Oppo Find X9 Pro 1,09,999 रुपये पर लॉन्च हुआ, वहीं Vivo X300 सीरीज भी सस्ती नहीं रही.
Apple भी इससे अछूता नहीं रहा. iPhone 17 की शुरुआती कीमत 82,900 रुपये रही, 17 Pro 1,34,900 रुपये और 17 Pro Max 1,49,900 रुपये तक पहुंच गया. साफ है कि अब नया iPhone लेना पहले से कहीं ज्यादा भारी जेब मांगता है.
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