डॉक्टर परिवार के भाई-बहन बने नेशनल चैंपियन, गोल्ड मेडल जीत बढ़ाया पिता का मान, बताई सफलता की कहानी

डॉक्टर परिवार के भाई-बहन बने नेशनल चैंपियन, गोल्ड मेडल जीत बढ़ाया पिता का मान, बताई सफलता की कहानी


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महराजगंज: यूपी के महाराजगंज जिले के सिसवा क्षेत्र के रहने वाले विश्वपाल सिंह के बेटे आशीषितपाल सिंह और बेटी अशिनी सिंह ने नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है. आशीषितपाल पहले 16 साल की उम्र में वेटलिफ्टिंग स्टेट चैंपियन रह चुके हैं और इस बार उन्होंने नेशनल लेवल गोल्ड मेडल जीता है.

महराजगंज: उत्तर प्रदेश का महराजगंज जिला एक ग्रामीण परिवेश वाला जिला है, लेकिन यहां के युवाओं ने अलग-अलग क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. जिले के सिसवा कस्बे के रहने वाले विश्वपाल सिंह के बेटे आशीषित पाल सिंह और बेटी अशिनी सिंह ने नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर जिले का मान बढ़ाया है.

एक परिवार में ही खेल के प्रति इस तरह का समर्पण दिखता है, जिसमें परिवार का सपोर्ट और हर कदम पर उन्हें परिवार का भरपूर प्रोत्साहन में मिलता है. दोनों भाई-बहन आशीषित पाल सिंह और अशिनी सिंह की इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी की लहर है. यूपी के आगरा में स्थित रेलवे ग्राउंड में इन खेलों का आयोजन हुआ, जिनमें अलग-अलग खेलों में खिलाड़ियों ने प्रतिभा किया.

आशीषित पाल ने नेशनल चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

आशीषित पाल सिंह ने बातचीत में बताया कि इससे पहले महज 16 वर्ष की उम्र में वेटलिफ्टिंग स्टेट चैंपियन रह चुके हैं और उन्होंने इस बार नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. उनकी इस जीत ने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं.

इसके साथ ही उनके खाते में एक बड़ी अचीवमेंट यह भी आई कि उन्होंने पहली बार एक कोच के रूप में सात खिलाड़ियों को भी लीड किया और उन सभी खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल हासिल किया. उन्होंने बताया कि पहली बार उन्होंने एक कोच के रूप में कमान संभाली और उसमें सभी खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, जो उनके लिए एक हर्ष का विषय है.

अपने पहले पार्टिसिपेशन में हासिल किया गोल्ड मेडल

अशिनी सिंह ने बताया कि उन्होंने खो-खो में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल किया. उनके परिवार ने हमेशा से ही उनका सपोर्ट किया और अलग-अलग जगह पर जाकर प्रतिभा करने के लिए भी हमेशा प्रोत्साहित किया. उन्होंने बताया कि यह उनका पहले पार्टिसिपेशन था, इसके बावजूद भी उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया.

इन दोनों खिलाड़ियों की बात करें तो यह दोनों एक डॉक्टर के परिवार से आते हैं और उनके दादा जी डॉक्टर थे और उनके पिता भी डॉक्टर हैं. डॉक्टर के परिवार से होने के बाद भी उन्हें कभी मेडिकल फील्ड के लिए दबाव नहीं डाला गाया, बल्कि खेल में रुचि होने की वजह से उन्हें प्रोत्साहित किया गया.

आर्यन सेठ

आर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Local 18 से जुड़ गए.

आर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Local 18 से जुड़ गए.

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