भारतीय आवेदकों को वीजा के लिए 99 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है और सुपर वीजा पर 6 महीने तक का होल्ड लगा हुआ है.

सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2025 के आखिर तक सिर्फ 2 लाख 2 हजार से ज्यादा वर्कर्स ही कनाडा पहुंच पाएंगे, जबकि टारगेट करीब 3 लाख 68 हजार का था. टेंपरेरी फॉरेन वर्कर प्रोग्राम और इंटरनेशनल मोबिलिटी प्रोग्राम दोनों की एंट्री संख्या लगातार गिर रही है.

रिपोर्ट्स के अनुसार जनवरी से अगस्त तक केवल 1.54 लाख वर्कर्स को ही एंट्री मिली. अनुमान बताता है कि TFWP और IMP मिलाकर साल के अंत तक भी सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं होगा.

सरकार ने 2024 और 2025 में अस्थायी निवासियों की संख्या घटाने का फैसला किया है. इसी वजह से विदेशी वर्कर्स पर सख्त रोक लग रही है. बेरोजगारी वाले इलाकों में कम-वेतन वाली नौकरियों पर LMIA रोक दी गई है.

ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों के लिए नई सैलरी शर्तें लागू की गईं. PGWP पर लिमिट, भाषा नियम सख्त, इंट्रा-कंपनी ट्रांसफर पर कड़े नियम इन सबके कारण विदेशी वर्कर्स की एंट्री और कम हो गई है.

सरकार ने स्पाउसल ओपन वर्क परमिट पर भी पाबंदियां लगा दी हैं. इससे कंपनियों के लिए भी भर्ती करना मुश्किल हो गया है. कई विदेशी वर्कर्स कनाडा जाने का प्लान टाल रहे हैं और कंपनियां भी हायरिंग कम कर रही हैं.
Published at : 21 Nov 2025 06:21 PM (IST)
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