भारतीय वायुसेना की जांबाज अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह इन दिनों सुर्खियों में हैं. हाल ही में उन्होंने थल सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ मिलकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक अहम प्रेस ब्रीफिंग की, जिसने देशभर का ध्यान खींचा. व्योमिका सिंह साल 2004 में वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के जरिए शामिल हुई थीं और आज वह एक काबिल हेलिकॉप्टर पायलट हैं.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एयरफोर्स को चुना और NCC कैडेट रहते हुए देश सेवा की राह पकड़ी. अगर आप भी व्योमिका सिंह की तरह आसमान की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं और वायुसेना में पायलट बनना चाहते हैं, तो इसके कई रास्ते हैं.
वायुसेना में जाने के मुख्य रास्ते
NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी)
12वीं (PCM) पास छात्र-छात्राएं NDA के जरिए थल सेना, नौसेना और वायुसेना में जा सकते हैं. महिलाओं के लिए भी अब NDA के दरवाजे खुल चुके हैं. उम्र होनी चाहिए 16.5 से 19.5 साल के बीच. NDA से सीधे स्थायी कमीशन मिलता है.
AFCAT (एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट)
यह unmarried पुरुषों और महिलाओं के लिए है. फ्लाइंग ब्रांच के लिए 20 से 24 साल की उम्र, 12वीं (PCM) में 50% और ग्रेजुएशन में 60% अंकों की जरूरत होती है. टेक्निकल ब्रांच के लिए B.Tech जरूरी है. इसमें शॉर्ट सर्विस कमीशन मिलता है.
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CDS (कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज)
CDS भी एक बड़ा जरिया है ऑफिसर बनने का. इसमें भी वायुसेना में जाने के लिए PCM से 12वीं और किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन जरूरी है. नौसेना के लिए B.Sc या इंजीनियरिंग होनी चाहिए. CDS से भी शॉर्ट सर्विस कमीशन मिलता है.
NCC स्पेशल एंट्री
अगर आपके पास NCC का ‘C सर्टिफिकेट’ है और आप B.Tech के अंतिम वर्ष में हैं या पास कर चुके हैं, तो बिना लिखित परीक्षा के सीधे AFSB इंटरव्यू देकर फ्लाइंग ब्रांच में जा सकते हैं.
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